थावे भवानी मंदिर
ABOUT MANDIR
गोपालगंज जिला मुख्यालय से छह किलोमीटर दूर स्थित थावे भवानी मंदिर में जो श्रद्धालु सच्चे मन से मां की पूजा अर्चना करते हैं, उनकी मनोकामनाए पूरी होती है. गोपालगंज का सुप्रसिद्ध थावे दुर्गा मंदिर दो तरफ से जंगलों से घिरा है और इस मंदिर का गर्भगृह काफी पुराना है। इस मंदिर में नेपाल, उत्तर प्रदेश, बिहार के कई जिले से श्रद्धालु पूजा-अर्चना एवं दर्शन करने आते हैं। वैसे यहां सालों भर भक्तों की कतार लगी रहती है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्र में पूजा करने का ज्यादा महत्व है। नवरात्रि के नौ दिनों में यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रों में यहां खास मेला भी लगाया जाता है। इसके अलावा इस मंदिर में सोमवार और शुक्रवार को विशेष पूजा होती है.
गोपालगंज जिला मुख्यालय से करीब छह किलोमीटर दूर सिवान जाने वाले मार्ग पर थावे नाम का एक स्थान है, जहां मां थावेवाली का एक प्राचीन मंदिर है. वैसे तो बिहार में धार्मिक यात्राओं पर आने वाले या छुट्टियां मनाने आने वाले लोगों के लिए यहां कई धार्मिक और पौराणिक स्थल हैं,लेकिन यहां आने वाले लोग गोपालगंज जिले में स्थित थावे मंदिर में जाकर सिंहासिनी भवानी मां के दरबार का दर्शन कर उनका आर्शीवाद लेना नहीं भूलते.
मान्यता है कि यहां मां अपने भक्त रहषु के बुलावे पर असम के कमाख्या स्थान से चलकर यहां पहुंची थीं. कहा जाता है कि मां कमाख्या से चलकर कोलकाता (काली के रूप में दक्षिणेश्वर में प्रतिष्ठित), पटना (यहां मां पटन देवी के नाम से जानी गई), आमी (छपरा जिला में मां दुर्गा का एक प्रसिद्ध स्थान) होते हुए थावे पहुंची थीं और रहषु के मस्तक को विभाजित करते हुए साक्षात दर्शन दिए थे.
मंदिर प्रशासन:-
- श्री सुनील कुमार
- पुलिस उप महानिरीक्षक , सारण ( छपरा )
- अनुमंडल पदाधिकारी , गोपालगंज
- श्री कौस्तुभमणि शाही
- श्री दरोगा सिंह
- श्री प्रदीप कुमार दास
- श्री रुदल प्रसाद
- डॉक्टर शशि शेखर सिंह
- श्री गोपीचंद यादव
- श्री ओमप्रकाश राय
- श्री सुदामा मांझी
- श्री जीतेन्द्र यादव